मंगलवार, 24 जुलाई 2012

ओलंपिक खेल, हाकी में भारत के ध्यानचंद अव्वल

            अब तक २१७ भारतीय खिलाड़ी १८ ओलिम्पिक खेलों में हॉकी खेलकर ओलिम्पियन बने हैं। भारत ने सर्वाधिक ११४ मैच खेले, सर्वाधिक ७५ जीते, सर्वाधिक ४१५ गोल दागे है। ९१ भारतीयों ने ४१० गोल बनाए हैं। जापान के खिलाफ ५ गोल जूरी द्वारा १९६८ के भारत-जापान मैच में जापान द्वारा वॉकआउट करने पर अवॉर्ड किए गए थे। धनराज पिल्लै ने ४ ओलिम्पिक खेलकर सर्वाधिक २७ मैचों में हिस्सा लिया। महान ध्यानचंद ने सर्वकालिक सर्वाधिक ३९ गोल दागे हैं।कौशल के नियाग्रे में विपक्षियों को ठग कर मिली अद्भुत विस्मयकारी अचरज भरी जीत पर गर्व से ऊँचा सिर अपने जीवन को धन्य मानता है । हॉकी कभी भारत-पाकिस्तान की बपौती रही है। एम्सटरडम (१९२८) से म्यूनिख (१९७२) तक के लगातार ४४ वर्षों में उपमहाद्वीपीय माटी की सुगंध ही ओलिम्पिक प्राँगण में महकी। इसके बाद नियमों तथा सतहों में परिवर्तन से एशियाई देशों का वर्चस्व समाप्त होता गया। हर ओलिम्पिक में मेजबान नई तरह की सतह हॉकी केओलिम्पिक हॉकी में सर्वकालिक ८ स्वर्ण पदक के गौरव-वैभव से हम भारतीयों के लिए ओलिम्पिक, स्वप्निल सुनहरे सपनों का स्त्रोत बना है। वर्षों की साधना, अभ्यास, मेहनत और तपस्या से विजयी मंच पर सोने के तमगे से सुशोभित गले को देखने का सुकून स्वर्ग से भी सुखद लगता है। प्रतिदिन प्रार्थना, आराधना, अरदास, दुआ करने वाले हिन्दुस्तानी अधिवर्ष में अंजुलि पसार खिलाड़ियों के लिए अमृत मांगते हैं ताकि सुधा पान कर एथलीट कौशल की खूबियों में हिमालयी ऊँचाइयाँ छूकर जीत की आभा से विरोधियों को धराशायी कर सकें। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अपने बहुमूल्य सुझावों से हमें अवगत कराए ...