सोमवार, 10 सितंबर 2012

पुस्तक समीक्षा - पंचायत की मुस्कान का अगस्त अंक संग्रहणीय

श्रीमती यशवंत रानी देश प्रेम और राष्ट्रीयता की भावना से ओत प्रोत रहने वाले लोगों को पंचायत की मुस्कान के अगस्त 2012 के अंक में काफी कुछ जानकारियां हासिल हो सकती है। अपने कव्हर पेज की तरह ही अगस्त अंक के अंदर के पन्ने भी काफी आकर्षक है। कव्हर पेज में जहां लाखों देशप्रेमियों के समक्ष उदबोधन देते राष्ट्रपति महात्मा गांधी आकर्षित करते हैं वहीं कव्हर स्टोरी 15 अगस्त 1947 जब भारत आजाद हुआ वाकई में लाजवाब है तथा उसे देखकर ही इस बात का अंदाजा हो जाता है कि इस अंक के उपर में वाकई में पंचायत की मुस्कान की टीम के द्वारा काफी मेहनत की गई है। कव्हर स्टोरी में 26 चित्रों के माध्यम से 15 अगस्त 1947 के उन पलों को एक बार फिर से ताजा किया गया है जिस दिन अंग्रेजों की 200 साल से भी लंबी दासता से हमें आजादी प्राप्त हुई थी। इन तस्वीरों में आधी रात को भारत को आजादी प्राप्त होने से लेकर, राजपथ के उल्लास, झंडावंदन, जवाहर लाल नेहरू के ऐतिहासिक भाषण, राजपथ के माहौल, द हिन्दुस्तान टाईम्स, मार्निंग न्यूज, द स्टेटमेन, द टाईम्स आफ इंडिया, और द न्यूयार्क टाईम्स के 15 अगस्त 1947 के अंक में भारत से जुड़ी खबरों के प्रकाशन, भारत की आजादी के अवसर पर 15 अगस्त 1947 को निकाले गए सिक्के, मेडल, स्टांप के साथ साथ पत्रों में उस दिन लगे सील मोहर तक के निशान पूरी खबर को संग्रहणीय बना देते हैं। मिशन 2013 में हमेशा की तरह राजनीति पर चर्चा की गई है तो अन्ना की पार्टी पर पाठकों की राय के माध्यम से यह जानने की कोशिश की गई है कि क्या अन्ना हजारे को पार्टी बनानी चाहिए ? इसी स्तंभ में एक पाठक की प्रतिक्रिया ‘‘कछु ले लुआ के भ्रष्टाचार मुक्त देश बना दो न मनमोहन जी ... ’’ को बाक्स में स्थान दिया गया है। एसएमएस जोन के स्थान पर पूरे एक पन्ने में स्वतंत्रता दिवस संदेश का प्रकाशन कर राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर प्रकाशित स्तंभ को सार्थक किया गया है तो समाज स्तंभ में अपहरणकर्ता मां ...! शीर्षक से एक मर्मस्पर्शी समाचार का प्रकाशन किया गया है। सिनेमा में भारत के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को स्थान मिला है तो वहीं गाने अनमोल में भी उन्हीं के फिल्म सफर का गीत जिंदगी का सफर ... को स्थान दिया गया है। छत्तीसगढ़ में मनरेगा में मजदूरी पाने भटक रहे मजदूर लेख का प्रकाशन किया गया है तो वहीं पचरी के गोठ में केन्द्र सरकार की मोबाईल देने की योजना पर ‘‘तय हल्लो-हल्लो कहे, मय हाल गेहेंव रे ...’’ के माध्यम से कटाक्ष है। कुल मिलाकर देखा जाए तो पंचायत की मुस्कान का यह अंक नवीनता लिए हुए है तथा 15 अगस्त 1947 के बारे में दिए गए ऐतिहासिक तस्वीरों के लिए ही इसे आप हमेशा के लिए अपने पास संभालकर रख सकते हैं। 15 अगस्त 1947 की ब्लेक एंड व्हाईट तस्वीरें भी रंगीन पेजों पर काफी आकर्षक लग रहे हैं। इंटरनेंट पर इस अंक कोwww.panchayatkimuskan.blogspot.com पर पढ़ा जा सकता है वहीं पंचायत की मुस्कान में रोजाना के समाचारwww.panchayatkimuskan.com पर देखे जा सकते हैं।

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