रविवार, 16 सितंबर 2012

पंचायत की मुस्कान बना एक हजारी

लो जी, आपकी अपनी वेब पत्रिका पंचायत की मुस्कान अब एक हजारी बन गई। जी हां, आज इस पर एक हजार हिट्स पूरे हो गए। अरे भई आप कह सकते हैं कि एक हजार हिट्स मिलने पर खुशी की कौन सी बात है। आप तो दो दिन में ही अपने साइट्स को इतनी हिट दिला सकते हैं। तो भई हम आपको बता दें कि हमारी आदत तो हर छोटी-छोटी खुशियों पर खुश होने की है। अब भागमभाग भरी जिंदगी में बड़ी खुशियों के इंतजार में बैठे रहे तब तो पूरी उम्र बीत जाएगी। हम तो इतना खुश उस दिन भी हुए थे जिस दिन हमारी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान का पंजीयन हुआ था। उसके बाद जिस दिन हमने अपने पेज पूरे किए उस दिन भी हमें इतनी ही खुशी हुई थी और जिस दिन हमारी मासिक पत्रिका के प्रथम अंक का प्रकाशन हुआ उस दिन की खुशी तो भई उससे भी कहीं ज्यादा हुआ था उसके बाद जब भी पंचायत की मुस्कान का नया अंक आता है हम खुश हो लेते हैं और भई एक हजार हिट की खुशी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि ये हिट हमें पूरी ईमानदारी से मिला है। वह भी तब जब हमें स्वयं में लगता है कि हमारें साईट को गूगल, याहू आदि सर्च इंजन उस तरह से सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं जैसे हमें चाहिए थी या जिसकी हमें उम्मीद थी इसीलिए तो हमने अपने वेब डिजाईनर को कहा भी था कि भई हिट काउंटर तो कुछ ऐसा लगाना जिससे कि हम भी सौ-दो सौ फर्जी हिट्स रोज मार सके। हम अपने कम्प्यूटर पर जितनी बार रिफ्रेश मारे हमारे हिट काउंटर में एक आंकड़ा बढ़ जाए। लेकिन हमारा वेब डिजाइनर तो जैसे हमसे दुश्मनी भिड़ाने को तैयार बैठा था। क्या पता, हमने उसकी मेहनत से कम पैसा दे दिया होगा तो बच्चू एक पत्रकार से पैसा मांगने से तो रहा इसलिए उसने ऐसी हिट काउंटर हमारे वेब साईट पर बिठा दी की आप कम्प्यूटर पंचायत की मुस्कान डाट काम खोलकर दिन भर बैठ जाओ और रिफ्रेश पर रिफ्रेश मारते रहो लेकिन क्या मजाल वह एक से दो हिट बता दे। अब भई एक गरीब पत्रकार के पास पच्चीस-पचास कम्प्यूटर तो होते नहीं कि वह कम्प्यूटर बदल-बदल कर हिट बढ़ा ले, सो हमने सोचा कि चलो भगवान जिस दिन हमें एक हजारी बना देगा उसी दिन हम प्रसन्न हो जायेंगे। तो भाया, आज वह दिन आ ही गया जिस दिन हमारे वेबसाईट ने एक हजार का आंकड़ा पार कर लिया है। अब आप कहेंगे कि एक हजार हिट में इतने दिन लग गए तो भाया, अभी पंचायत की मुस्कान
को वेबसाईट के रूप में आए दिन ही कितने हुए हैं। अभी अगस्त की ही तो बात है, हमने 15 अगस्त को अपने वेबसाईट की लांचिंग के बारे में सोचा था लेकिन अतिथियों को खिलाने के लिए मिठाई के पैसे की भी जुगाड़ हम नहीं कर पाए इसलिए उस दिन हम विधिवत लांचिंग नहीं कर पाए। अब आप 15 अगस्त को एक दो दिन और पीछे कर लो, 10 अगस्त कर लो फिर भी आज 16 सितंबर को हम एक हजारी बन गए इस हिसाब से भी हमने यह आंकड़ा आखिरकार 35 दिनों में पा ही लिया। अब जब हमें सर्च इंजन सही तरीके से सपोर्ट ना करे। जब हम इस पर अकेले मेहनत करें और आप इसे खोलकर भी ना देखे तब इतने दिन तो लगने ही हैं। आप हमें थोड़ा तो मार्गदर्शन दीजिए कि हम इसके हिट को दिन दूनी रात चैगुनी कैसे बढ़ा सकते हैं तब फिर देखिए आज जैसे हम एक हजार हिट्स की खुशी मना रहे हैं उससे भी कहीं ज्यादा बहुत जल्द ही एक हजार हिट्स की खुशियां मनायेंगे।

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