शनिवार, 4 अगस्त 2012

लंदन ओलंपिक, साइना ने कांस्य पदक जीता


            दुनिया में पांचवें नंबर की साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक में चीनी खिलाड़ी वि वांग जिन के चोटिल होने के कारण मुकाबले से हट जाने से कांस्य पदक हासिल कर लिया है। वांग जिन जिस समय मैच से हटी उस समय उसने पहला गेम 21-18 से जीत लिया था। भारत का लंदन ओलंपिक में यह तीसरा पदक है।

साइना को छोड़कर सेमीफाइनल में तीनों खिलाड़ी चीनी थे। इस स्पर्धा का स्वर्ण और रजत चीन के खाते में जाना पक्का हो गया था। लेकिन कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में दुनिया की दूसरे नंबर की जिन और साइना के बीच जोरदार जंग देखने को मिली। जिन ने संघर्ष के बाद पहला गेम जीत लिया। लेकिन पहले गेम के दौरान ही उसने घुटने के नीचे चोट लगने की शिकायत की और इसके बाद टीम के फिजियो आए। पट्टी बांधकर उसने खेल जारी रखने का प्रयास किया और दूसरे गेम के लिए उतरने के बाद जिन ने एक अंक बना लिया लेकिन उसने आगे मैच जारी रखने में असमर्थता जताई और मैच से हट गई। इसके साथ ही मैच का परिणाम साइना के पक्ष में चला गया और कांस्य पदक हासिल कर लिया।
मैच के बाद साइना के कोच पुलैला गोपीचंद ने कहा कि जिस तरह से साइना को पदक मिला उन्हें अच्छा नहीं लगा। लेकिन साइना ने लंदन में शानदार खेल दिखाया था। ओलंपिक में पदक जीतने खास होता ही है। साइना कर्णम मल्लेश्वरी के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। मल्लेश्वरी ने ख्000 में सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता था।
जीत के बाद साइना के पिता हरवीर सिंह नेहवाल ने कहा, 'यह साइना को उसकी कड़ी मेहनत और लगन के एवज में ईश्वर की तरफ से मिला तोहफा है। निश्चित ही यहां किस्मत उसके साथ थी, लेकिन यह पदक साइना का था। उसने इसके लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया था। चौबीस घंटे वह अभ्यास में लगी रहती थी। इसके लिए उसने अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी।'
इससे पूर्व साइना सेमीफाइनल में नंबर एक वांग यहान के हाथों 21-13, 21-13 से मुकाबला हार गई थी।

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